रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहनों के बीच प्रेम का त्यौहार माना जाता है और इस मौके पर बहनें अपने भाइयों से किसी न किसी तोहफे की उम्मीद में रहती हैं। मगर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के भाई इस बार अपनी बहनों को एक अनोखे उपहार के रूप में टॉयलट गिफ्ट करेंगे ताकि उनकी बहनों को शौच के लिए घर से बाहर न जाना पड़े। दरअसल खुले में शौच से मुक्त अभियान को सफल बनाने और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अमेठी जिले की स्वच्छता समिति ने ‘अनोखी अमेठी का अनोखा भाई’ कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिए गांव के लोगों को खुले में शौच न जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
इस सकारात्मक और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत जिले की चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) ने किया है। अमेठी में मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर तैनात अपूर्वा दुबे ने बताया कि कई ब्लॉकों के 854 सदस्यों ने जिला समिति में अपने को भाई के रूप में पंजीकृत कराया है जो रक्षा बंधन के मौके पर अपनी बहनों को तोहफे में शौचालय देंगे।
मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा दुबे ने कहा कि पंजीकृत भाई अपने पैसे से शौचालय बनवाएंगे। इस अभियान की खास बात यह है कि अधिकारी की ओर से एक लकी ड्रॉ भी निकाला जाएगा। इस ड्रॉ में तीन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। जिन लोगों को पुरस्कार मिलेगा उन्हें 50 हजार रुपये और मोबाइल फोन दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत अप्लाई करने की लास्ट डेट 27 जुलाई थी और इस दिन तक कुल 854 भाइयों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। शौचालय बनने के बाद 13 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट लेवल के अफसरों की एक टीम पंजीकरण कराने वाले लोगों के घर जाकर जांच करेगी कि टॉयलट बनवाए गए हैं या नहीं। जिन लोगों के टॉयलट सबसे अच्छी हालत में होंगे उन्हें पुरस्कार दिया जाएगा। सत्यापन के बाद लिस्ट में शामिल भाइयों के बीच जिला मुख्यालय पर लकी ड्रॉ कराया जाएगा। ड्रॉ में जीतने वाले पहले प्रतिभागी को 50 हजार, दूसरे को 15 हजार व 6 हजार रुपये कीमत का एक मोबाइल फोन और तीसरे को 12 हजार रुपये व एक हजार रुपये कीमत का गिफ्ट प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।
शौचालय बनवाने की इस अनोखी पहल का आइडिया सोचने वाली युवा महिला आईएएस अपूर्वा दुबे अपने क्षेत्र में अक्सर ऐसे कार्यक्रम करवाती रहती हैं। इससे पहले वह बरेली और कानपुर देहात जिले की जॉइंट मजिस्ट्रेट रह चुकी हैं।
इस पहल की देखरेख करने वाली टीम में डीएम और सीडीओ के साथ ही डीपीआरओ को भी शामिल किया गया है। ये सभी अधिकारी अभियान की जांच करेंगे। शौचालय बनवाने की इस अनोखी पहल का आइडिया सोचने वाली युवा महिला आईएएस अपूर्वा दुबे अपने क्षेत्र में अक्सर ऐसे कार्यक्रम करवाती रहती हैं। अपूर्वा दुबे के इस कदम की तारीफ इलाके के अफसर भी कर रहे हैं।
इससे पहले अपूर्वा बरेली और कानपुर देहात जिले की जॉइंट मजिस्ट्रेट रह चुकी हैं। अपूर्वा दुबे ने कानपुर देहात के बच्चों को पौष्टिकऔर ताजा खाना उपलब्ध कराने की एक अनोखी पहल शुरू की थी। उन्होंने एक सरकारी स्कूल में किचन गार्डन बनवाया था। इस किचन गार्डन में कई तरह की सब्ज़ियां उगाई जाती है। फिर इन्हीं सब्ज़ियों से मिड डे मील का खाना तैयार कर बच्चों को परोसा जाता है।
(साभार – योर स्टोरी)