मनोज वाजपेयी ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरी यात्रा दिलचस्प और रंगीन रही। जहां मैं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों लोगों से मिला। बॉलीवुड एक्टर मनोज वाजपेयी रचनात्मक अभिनेता बनना चाहते थे।
पर्दे पर कलाकार के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा को साबित करने वाले अभिनेता मनोज वाजपेयी ने बताया कि वह कभी भी बॉलीवुड स्टार बनना नहीं चाहते थे, बावजूद इसके वह खुद को रचनात्मक अभिनेता के तौर पर स्थापित करना चाहते थे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी पर्दे पर छवि बनाने की कोशिश की है? इस पर मनोज ने यहां एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, “नहीं मैंने कभी ऐसा नहीं किया क्योंकि मेरा ऐसा लक्ष्य नहीं था। मैं खुद को कभी भी हीरो नहीं, बल्कि रचनात्मक अभिनेता बनाना चाहता था। मैं भूमिकाओं के साथ प्रयोग करने पर जोर देता हूं।” उन्होंने कहा, “इसलिए जब भी मैं पटकथा पढ़ता हूं तो मैं यह जरूर देखता हूं कि इससे पहले मैंने ऐसा कभी नहीं किया।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह कोई भूमिका तैयार कर रहे हैं खासतौर पर जब वह धारावाहिकों का हिस्सा नहीं बने।
वाजपेयी ने कहा, “मुझे लगता है कि मेरी यात्रा दिलचस्प और रंगीन रही। जहां मैं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों लोगों से मिला।” पुरस्कार जीतना बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करता है? इस पर उन्होंने कहा, “मैं पुरस्कार प्राप्त करते हुए विनम्र हूं इसलिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं, लेकिन अगर यह मुझे नहीं मिलता तो मुझे निराश नहीं होना चाहिए। पुरस्कार की वजह से पटकथाओं की पेशकश और मेहनताना बढ़ जाता है। मेरे लिए अच्छी कहानी प्रेरणा है।”
बता दें कि कुछ दिनों पहले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा था कि शाहरुख खान के पास एक फिल्मी स्टार होने का करिश्मा है, जबकि उनके पास यह नहीं है। मनोज ने फिल्म ‘नाम शबाना’ के प्रचार के दौरान दिए साक्षात्कार में कहा, “शाहरुख जैसे सितारे का हर जगह क्रेज है। उनकी एक झलक देखकर लोग दीवने हो जाते हैं।
इस बात ने मुझे हमेशा हैरान किया कि ऐसा कैसे हो सकता है? यह गढ़ा जा सकता है..चाहे आप इसके साथ पैदा हुए हों या नहीं हुए हों। मनोज कहते हैं, अगर मैं हवाई अड्डे पर खड़ा होता हूं तो लोग मुझे देखकर क्रेजी नहीं होंगे, लेकिन अगर शाहरुख खड़े होते हैं तो बात ही कुछ और होती है, क्योंकि उनके पास स्टार करिश्मा है और यह मेरे पास नहीं है।