प्रेगनेंसी में संबंध बनाने से इंकार करना नहीं है तलाक का आधार-हाईकोर्ट

 

नई दिल्ली,यदि पत्नी प्रेगनेंट है और उस दौरान पति से शारीरिक संबंध बनाने से इन्कार कर देती है तो इसे तलाक का आधार नहीं माना जा सकता। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यह बात कही है।

दरअसल, एक दिलचस्प मामले में पति ने पत्नी के ऐसे बर्ताव को क्रूरता बताते हुए तलाक मांगा था। पति ने फैमिली कोर्ट में यह शिकायत भी दर्ज कराई थी कि पत्नी सुबह देर से उठती है और बिस्तर में ही बैठे-बैठे चाय मांगती है।

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि बेड में ही चाय मांगने वाली पत्नी आलसी जरूर है, लेकिन आलसीपन क्रूरता नहीं है। इसलिए तलाक नहीं मांगा जा सकता। फैमिली कोर्ट ने भी तलाक की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

जस्टिस प्रदीप नंद्रजोग और जस्टिस प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने कहा, सही है कि अगस्त 2012 के बाद पत्नी ने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया, लेकिन यह भी देखा जाना चाहिए कि उसके पेट में भ्रूण था। इससे पहले फैमिली कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पति के लगाए आरोप आधारहीन हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *