2012 में देश की राजधानी में हुए सबसे भयावह गैंगरेप में अपनी बेटी होने वाली निर्भया की मां आशा देवी पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए आगे आ रही हैं। अपनी बेटी ज्योति के नाम से निर्भया ज्योति ट्रस्ट चलाने वाली आशा देवी पीड़ित महिलाओं और अत्याचार झेल रही महिलाओं की हर संभव मदद करने की कोशिश में लगी हैं। पीड़ित महिलाओं की इसी मदद को आगे रखने के लिए निर्भया की मां ने न्याय ज्योति नामक संगठन के साथ हाथ मिलाया है। नामी गिरामी वकीलों के समूह न्याय ज्योति के जरिए आशा देवी देश के अलग-अलग इलाकों में हिंसा और बर्बरता की शिकार महिलाओं को हरसंभव न्यायिक मदद मुफ्त में देना चाहती हैं।
आशा देवी कहती हैं कि न्याय ज्योति संस्था वकीलों के एक समूह लोरेटो ने शुरू की है। सीईओ रोहन महाजन ने कहा कि उनकी संस्था हर पीड़ित महिलाओं को मुफ्त में कानूनी सलाह उपलब्ध कराने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर वकीलों की सुविधा भी मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के तमाम गुनहगारों की फांसी की सजा बरकरार रखी है जिसके बाद पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले हिंसा के आरोपियों और दोषियों को जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी सजा मिलने की उम्मीद मजबूत होती दिख रही है। ऐसे में निर्भया की मां खुद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को लेकर उनकी आवाज बुलंद करने के साथ उनकी हर संभव मदद करने के लिए भी तैयार हो गई हैं।