भोपाल/होशंगाबाद : पांच लाख साल पुराने ‘नर्मदा मानव’ की खोज करने वाले वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक डॉ. अरुण सोनकिया का शनिवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया। सोनकिया ने 1982 में नर्मदा घाटी में मानव सभ्यता के पांच लाख साल पुराने सबूतों की खोज की थी। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अध्ययन दल के साथ मिलकर मप्र के सीहोर जिले के हथनौरा गांव में पांच लाख साल पुरानी मानव खोपड़ी की खोज की थी।जिसे ‘नर्मदा मानव” नाम दिया गया था।
दरअसल, सोनकिया की यह खोज नर्मदा घाटी में पांच लाख साल पहले से मानव सभ्यता का पहला सबूत थी। उनकी इस खोज ने नर्मदा घाटी और उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई थी। नर्मदा घाटी में मिली यह लाखों साल पुरानी मानव खोपड़ी अब कोलकाता के एक संग्रहालय में रखी हुई है।
डॉ. सोनकिया (61) शनिवार को कार से अपने पैतृक गांव हिरणखेड़ा से अपने बेटे से मिलने भोपाल जा रहे थे, तभी होशंगाबाद स्थित टोल नाके के करीब सामने से आ रहे ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि डॉ. सोनकिया की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रक का ड्राइवर घटना के बाद से फरार है, लेकिन क्लीनर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। टक्कर में मारुति कार क्रमांक एमएच 31 एजी 8961 पूरी तरह पिचक गई है। बताया जा रहा है कि ड्राइविंग सीट पर बैठे सोनकिया इस बुरी तरह फंसे थे कि पुलिस और ग्रामीणों को शव निकालने में एक घंटे से ज्यादा समय तक मशक्कत करनी पड़ी।
परिजनों के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद से अरूण सोनकिया और उनकी पत्नी अपने बड़े बेटे सिद्धार्थ के पास रहते थे। बेटा भोपाल के त्रिलंगा क्षेत्र में रहता है। कभी-कभार वे अपने पैतृक गांव हिरणखेड़ा, आते रहते थे। यहां वे खेती करते थे।