बॉलीवुड में हंसती-मुस्कुराती खुशमिज़ाज मां के किरदारों से लोकप्रिय हुई अभिनेत्री रीमा लागू नहीं रहीं। 58 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दाखिल कराया गया था जहाँ रात के एक बजे उनकी मौत हो गई.
वे मराठी और हिंदी फिल्मों का जाना-पहचाना चेहरा थीं। टेलीविज़न की दुनिया में भी वो ख़ासी लोकप्रिय थीं। उन्होंने कई सीरियलों में काम किया।
मराठी रंगमंच पर दशकों तक वो सक्रिय रहीं और बॉलीवुड की ममतामयी ग्लैमरस मदर के तौर पर जानी गईं।
उन्होंने ‘मैंने प्यार किया’, ‘आशिक़ी’, ‘साजन’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘वास्तव’ और ‘हम साथ-साथ हैं’ जैसी यादगार फ़िल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया था।
‘हम साथ-साथ हैं’ में उनकी भूमिका कैकेयी से प्रेरित थी फिर भी उन्होंने लोगों का दिल जीत लिया। ‘वास्तव’ में उन्होंने ‘मदर इंडिया’ की नरगिस की यादें ताज़ा करा दी थीं।
म्यूज़िकल रोमांटिक फ़िल्म ‘मैंने प्यार किया’ के लिए उन्हें 1990 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड का नोमिनेशन मिला।
उनके आने से पहले बॉलीवुड में मां के रोल् की अलग छवि थी। रीमा लागू ने नई लकीर खींच दी थी।
इसके अलावा ‘आशिक़ी’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘वास्तव’ के लिए भी उन्हें नोमिनेट किया गया था। उनका फ़िल्मी करियर श्याम बेनेगल की फ़िल्म ‘कलयुग’ से शुरू हुआ था।