नव वर्ष में खुले हमारी सोच और व्यवस्था में सुधार का रास्ता

साल का पहला दिन। बीता वक्त गुजर चुका है, वह नहीं अब उसकी यादें लौटकर आएंगी। 2016 एक ऐसा साल था जिसने हमें खुद के भीतर झाँकने पर मजबूर कर दिया। युद्ध, तनाव, निधन, ये तो हर साल होता है मगर आम आदमी की जिंदगी ने साल के अंतिम दो माह में करवट ली। एक ऐसा अभियान चला कि जिसने आसानी से गुजर रही जिंदगी में हलचल ला दी। मानसिक और सामाजिक तौर पर अभी हमें और संवेदनशील होने की जरूरत है, ये इस घटना से पता चला। पता चला कि सोशल मीडिया

हमारी जिंदगी पर किस कदर अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है और वहीं जाकर सारी क्रांति ठहर जा रही है। हम मानते हैं कि तकनीक की अपनी जगह है, वह जीवन में महत्वपूर्ण है मगर हमें यह भी याद रखना होगा कि तकनीक ही जिंदगी नहीं है।  कम्प्यूटर, स्मार्टफोन के आगे एक दुनिया है और वह ऐसी दुनिया है जिसमें जज्बात हैं।

आज भले ही नववर्ष की शुभकामनाएं आपके स्मार्टफोन पर जीवंत रूप में आ रही हैं मगर सच तो यह है कि अपनेपन की जो खुशबू एक बधाईकार्ड या छोटे से खत में है, वह ई – मेल में नहीं आ सकती। हम पीछे मुड़कर देख नहीं सकते मगर जो अच्छी चीजें हैं, उनको सहेज तो सकते हैं। हमारे समय में जो अच्छा था और है, नयी पीढ़ी तक उसे पहुँचा सकते हैं, यही हमारा दायित्व है।

जिस समय नोटबंदी से परेशान कतार में खड़े वृद्ध की तस्वीर आप सोशल मीडिया पर शेयर करने की सोच रहे हों या फिर मरते हुए लोगों की तस्वीर साझा करने के बारे में सोच रहे हों, एक बार अपनी जगह उस वृद्ध को दीजिए या फिर किसी बीमार की तस्वीर खींचने की जगह उसे अस्पताल पहुँचा दीजिए, परिवर्तन यहीं से शुरू होगा।

नोटबंदी एक लम्बी प्रक्रिया है मगर हमें क्या महसूस नहीं हुआ कि हम अपने शौक को जरूरत समझ बैठे थे और उसे पाने की ललक में अपने घर का बजट बिगाड़ रहे थे। यूँ कहें कि एक स्मार्टफोन हमारे संबंधों पर भारी पड़ता जा रहा था, सुविधाओं को हमने जरूरत का नाम दे दिया था, यह हमारे सामाजिक व आर्थिक व्यवहार के लिए बड़ा झटका है।

अपने देश की बैंकिंग प्रणाली पर नाज हुआ करता था हमें मगर इस व्यवस्था में इतना भ्रष्टाचार है, यह नोटबंदी न होती तो हम नहीं जान पाते। बहरहाल लम्बा समय बीत चुका है और उम्मीद तो यही है कि व्यवस्था में सुधार का रास्ता खुले। जनतंत्र में जन की भागीदारी बढ़े। लोकतंत्र तो तभी मजबूत होगा जब हम भी विकास की प्रक्रिया में साथ बढ़ेंगे। आप सभी को अपराजिता की ओर नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

शुभजिता

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