देश भर के स्कूलों में पहली बार पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के तहत एनसीईआरटी की टीम विषयों को रिव्यू करने में जुट गई है। एनसीईआरटी की टीम को एक साल में रिव्यू रिपोर्ट देनी होगी। खास बात यह है कि पाठ्यक्रम को मार्केट डिमांड और स्किल डेवलेपमेंट के आधार पर तैयार करना होगा, ताकि विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ रोजगार भी मिल सके। खास बात यह है कि पाठ्यक्रम में नोटबंदी, जीएसटी के चलते जीडीपी ग्रोथ आदि को भी शामिल किया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, एनसीईआरटी ने इसके लिए बाकायदा टीम गठित कर दी हैं। इसके साथ ही देशभर के सभी राज्यों के सचिव को पत्र लिखकर उनसे राय भी मांगी जा रही है। इस संबंध में 24 अप्रैल को एक बैठक होगी।
सूत्रों का कहना है कि पहली से लेकर 12 कक्षा तक सभी विषयों में एक साथ बदलाव पहली बार होने जा रहा है। दस साल पहले पाठ्यक्रम में जो बदलाव हुआ था, उसका स्तर छोटा था। उसमें महज कुछ नए विषयों को शामिल किया गया था। विशेषज्ञ की टीम पाठ्यक्रम में से उन विषयों को हटा देगी, जिसकी जरूरत नहीं है। ऐसे विषय शामिल करने पर सहमति बनी है, जिनसे छात्र को सिर्फ पास होने तक ही नहीं, बल्कि आगे रोजगार से जुड़ने में भी मदद मिल सके।
गौरतलब है कि इससे पहले एनसीईआरटी ने करीब दस साल पहले पाठ्यक्रम में बदलाव किया था। हालांकि पाठ्यक्रम में किसी विषय या पाठ में कोई आपत्तिजनक सामग्री शामिल होने पर शिकायतों के आधार पर उसमें बदलाव किया जाता रहा है।
इकोनॉमिक्स, साइंस, गणित और राजनीति शास्त्र में काफी बदलाव
राजनीति शास्त्र, इकोनॉमिक्स, , सांइस और गणित में सबसे अधिक बदलाव देखने को मिलेंगे। क्योंकि राजनीति शास्त्र में देश समेत दुनिया के राजनैतिक बदलाव को शामिल किया जाएगा। जबकि अर्थशास्त्र में छात्र कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि नोटबंदी को भी शामिल करने की योजना है। जीएसटी बिल पास होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव की बात भी शामिल होगी।