सुषमा स्वराज तमिलनाडु के रहने वाले एक ऐसे शख्स को भारत लाने में कामयाब हुईं हैं, जो दो सालों तक दुबई की एक कोर्ट के चक्कर लगाते रहे थे। 48 वर्षीय जगन्नाथन सेल्वाराज दुबई के सोनापुर में रहकर काम करते थे। इधर भारत में सेल्वाराज की मां का देहांत हो गया था पर उन्हें भारत आकर मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पाई। इसके बाद मामला कारमा जिले की कोर्ट पहुंचा जो सोनापुर से 22 किमी दूर स्थित है। सोनापुर से कोर्ट तक बस में जाने के लिए कुछ ही दिरहम लगते थे लेकिन पैसों की कमी के चलते सेल्वाराज उतने भी खर्च करने की अवस्था में नहीं थे। इसलिए वे सुनवाई के लिए हाईवे पर पैदल चलकर ही कोर्ट जाते और पैदल ही वापस आते।
“मेरा केस नंबर 826 था और मुझे सुबह 2 घंटे पैदल चलकर कोर्ट पहुंचना होता था। जिस दिन मेरी सुनवाई होती थी उस दिन मैं सुबह 4 बजे उठकर चल देता था। हर पंद्रह दिन में मुझे कोर्ट तक पैदल चलना पड़ता था क्यूंकि मेरे पास बस या टैक्सी के लिए पैसे नहीं थे,” सेल्वाराज ने खलीज टाइम्स को बताया।
दो साल तक चले इस मामले की सुनवाई के लिए उन्हें 20 बार पैदल कोर्ट तक आना जाना पड़ा जिसमें उन्हें चार घंटे से ज्यादा लगते थे। सेल्वाराज अपने घर लौटना चाहते थे लेकिन उन्हें फ्लाइट की टिकट नहीं मिल रहा था। इसके लिए वो दो साल तक हर रोज 50 किमी पैदल चलकर कोर्ट जाते और लौटते, इस तरह उन्हें कुल एक हजार किमी चलकर भी सफलता नहीं मिली।
इस बात की चर्चा सोशल मीडिया पर तब हुई जब दुबई के स्थानीय अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल में भर्ती विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जैसे ही इसकी खबर मिली उन्होंने तुरंत दुबई में भारतीय दूतावास को निर्देश दिए और एक हफ्ते के अंदर यह व्यक्ति भारत लौट आया।
आखिरकार सुषमा स्वराज की कोशिशें रंग लाई और जगन्नाथन अपने घर लौट आए हैं।सुषमा स्वराज ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि हम उन्हें भारत ले आए हैं और उनके गांव पहुंचा दिया है।