वेनेज़ुएला में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान आगे बढ़ते एक भारी-भरकम दंगारोधी टैंक को एक महिला ने रोक दिया। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद भी ये महिला टैंक के सामने डटी रही।
राष्ट्रपति निकोलस माडुरो की आर्थिक नीतियों से नाराज़ लोग काराकास शहर के फ़्रांसिस्को फख़ार्डो मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बीबीसी को बताया कि इस दौरान सबको आश्चर्यचकित करते हुए एक महिला सीधे टैंक से सामने खड़ी हो गई।
वेनेज़ुएला की सोशल मीडिया में टैंक का रास्ता रोकने और उसे कुछ कदम पीछे हटने के लिए मजबूर करने वाली इस महिला को ‘बहादुर’ और ‘साहसी’ कहा गया।
हालांकि एल नेशनल नाम के अख़बार के फ़ेसबुक पन्ने पर इस बारे में छपी एक ख़बर पर जहां कुछ लोगों ने उन्हें ‘ग़ैर-ज़िम्मेदार’ बताया है, कुछ ने उन्हें ‘लेडी लिबर्टी’ कहा है।
ये महिला अपने गले में देश का झंडा लपेटे हुए थीं। उन्होंने झंडे के ही रंग की टोपी पहनी थी और अपनी पीठ पर एक बैग लिए हुए थीं।
ना तो उनके पास हेलमेट थी, ना मास्क और ना ही सुरक्षा के लिए कुछ और। उनके पास बस एक गमछा था जिससे वो शायद आंसू गैस के असर से थोड़ी राहत पा सकती थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “वो शांत थी और प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों के नज़दीक थी। पहले सुरक्षाबलों ने पानी की बौछार की। फिर वहां लगी दीवारें हटाने के लिए टैंक सामने आया और तब ये महिला उसके सामने खड़ी हो गई. जैसे-जैसे टैंक पीछे हटता गया, वो आगे बढ़ती गई।”
मीडिया के एक व्यक्ति ने महिला को वहां से हटाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। कुछ तस्वीरों में महिला आंसू गैस के कारण अपनी आंखें पोछती नज़र आई।
कुछ समय बाद मोटरसाइकल पर आए पुलिसवालों ने उन्हें वहां से हटाया। उन्हें गिरफ्तार किया गया या नहीं इस बारे में अधिकारियों ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।
वेनेज़ुएला की टेलीविज़न पत्रकार कैरन फेरीरा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में महिला के बारे में बताया है कि वो सुरक्षित हैं।
उन्होंने लिखा है, “सुरक्षा कारणों से मैं उनकी पहचान नहीं बता सकती, लेकिन वो अपने घर पहुंच गई हैं और ठीक हैं।”