छठ के गीत – केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय

केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय

नारियलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय

अमरुदवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय

 

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