क्योंकि राधा न सिर्फ प्रेमिका हैं और कृष्ण सिर्फ रसिया

मधुरिमा दत्त

राधा याद है आपको? आपको वृंदावन और गोकुल वाली राधा याद आ गयी जो कृष्ण के प्रेम में दीवानी थी, यही छवि है और हम इसी की जानकारी भी रखते हैं मगर राधा एक कामकाजी महिला भी थीं, ठीक सुना आपने श्रमजीवी।

कृष्ण का राधा से विरह आपको याद होगा मगर कृष्ण का रुदन कहीं दिखायी नहीं देता मगर उड़ान ने हाल ही में इस पर बात की। वसंतोत्सव के बाद हुए इस आयोजन में ‘अन्य रंगेर राधा’ कार्यक्रम में अध्यापिका ईशिका चक्रवर्ती ने विषय पर अपने विचार रखे।

मूल विषय को सुमित बंद्योपाध्याय ने सामने रखकर दर्शकों को विषय से जोड़ा। कार्यक्रम के दौरान हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में राधा और कृष्ण के इस अभिनव पक्ष को कलाकारों ने बखूबी रखा।

उड़ान जेंडर मसलों पर काम करने वाली संस्था है जो पिछले 3 साल से विभिन्न नाटकों तथा नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से इस विषय पर जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है।

अन्य रंगेर राधा नो जेंडरिंग की दिशा में उठाया गया कदम है। राधा और कृष्ण प्रेम के प्रतीक हैं मगर उनका प्रेम कई अन्य पक्षों को भी समेटता है जिन पर बात नहीं की गयी। राधा ने कृष्ण को अस्वीकार भी किया था मगर हम यह पक्ष जानते ही नहीं हैं। कृष्ण सिर्फ राधा से प्रेम करते थे मगर वे विरह में रोए भी हैं, ये बात भी सामने नहीं आ सकी। दरअसल, राधा और कृष्ण का यह एक मानवीय पक्ष है जिसे उड़ान ने सामने रखा।

(लेखका एक प्रतिभाशाली पत्रकार हैं और एक बेहतरीन संस्कृतिकर्मी भी हैं)

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