क्या आप पिता बनने जा रहे हैं?

माता-पिता बनने की खुशी के एहसास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। गर्भ में पल रहे बच्चे को गोद में खिलाने के लिए माता पिता दोनों बेसब्री से इंतजार करते हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि गर्भावस्था के समय महिलाओं के दिमाग में अलग-अलग विचार आने लगते हैं। उन्हें बहुत चीजों का तनाव रहने लगता है, पर आप यह नहीं जानते होंगे कि पिता बनने के ख्याल से पुरुष के दिमाग में भी तरह-तरह के ख्याल आने लगते हैं व उन्हें भी कई बातें डराती हैं मगर हर समस्या के साथ समाधान भी होता है…कुछ इस तरह –
पिता बनने की खबर एक तरफ आपको खुशी देती है तो दूसरी तरफ अच्छा पिता बन सकने की चुनौती भी आपके सामने होती है।
आप अपनी बढ़ती जिम्मेदारियों को लेकर परेशान हो जाते हैं। अगर आपके मन में भी ऐसे ख्याल आ रहे हैं तो आप चाइल्ड केयरिंग क्लास ले सकते हैं और इन पर भरोसा नहीं हैं तो आप अपने पिता, चाचा, भाई या किसी दोस्त से बात करें। इससे आपके मन में पैदा हो रहे नकारात्मक विचार दूर हो जाएंगे।
बच्चे के आने के बाद यह सही है कि जिन्दगी एक जैसी नहीं रहती। अब आप हो सकता है कि दोस्तों को पहले की तरह वक्त न दे सकें मगर इसका एक बेहतर तरीका यह है कि अपनी पत्नी और बच्चों को दोस्तों से मिलवायें। आप दोनों के दोस्त एक होंगे तो आपका तनाव कम होगा और आप अकेलापन भी महसूस नहीं करेंगे। वह दफ्तर के बाद पार्टी कम होगी मगर बिलकुल नहीं हो सकती, ऐसा नहीं है।
अधिकतर भारतीय पुरुषों को शिकायत रहती है कि बच्चे आने के बाद उनकी पत्नी उन पर ध्यान नहीं देती। बच्चा जगता है तो आपको भी उसके साथ जागना पड़ता है। इसका एकमात्र कारण यह है कि आपने खुद को घर से और घर की जिम्मेदारियों से काट रखा है। जाहिर कि आपकी पत्नी पर सारा बोझ पड़ेगा तो उसके लिए वक्त निकालना मुश्किल होगा। इसका एक समाधान यह है कि बच्चे की परवरिश और घर के कामों में आप उसका साथ दें। उसे अच्छा लगेगा और काम के साथ रोमांस के पल भी आपको मिल सकेंगे। बच्चे की छोटी – छोटी शरारतें आपका बचपन लौटा देंगी और पत्नी का साथ देकर आप अपना रिश्ता और मजबूत कर सकेंगे। वैसे भी 5-6 महीने में आपका बच्चा आपको परेशान करना कम कर देगा और आपनी पत्नी के साथ पहले जैसा समय बिता सकते हैं।
सच है कि महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को डिलवरी के प्रोसेस से डर लगता हैं। पत्नी को लेबर पेन को देखकर उनकी हालत खराब हो जाती है। डिलवरी के प्रोसेस के बारे में सोचकर वह पहले ही तनाव में रहने लगते हैं। अपने दोस्तों, मम्मी, परिवार और पड़ोसियों से रिश्ते अच्छे रखें। आपका डर और खुशी दोनों, बाँटना आसान होगा।

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