उत्तर प्रदेश में इन महिलाओं ने दी जबरदस्त टक्कर

यूपी चुनाव में भले ही पीएम नरेंद्र मोदी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी स्टार प्रचारक रहे हों, लेकिन इस बार अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव का जलवा भी कम नहीं रहा था। ‘भाभी’ के रूप में स्टार प्रचारक के तौर पर सामने आईं डिंपल बड़े बड़े दिग्‍गजों पर भारी रहीं। हालांकि डिंपल खुद चुनाव नहीं लड़ रही थीं, लेकिन उनकी रैली में जुटती भीड़ ने विरोधियों को हैरत में डाल दिया। वैसे डिंपल के अलावा भी कई महिलाएं हैं, जो राजनीति में अपनी पहचान बुलंद कर रही थीं।

                                             अपर्णा यादव (लखनऊ कैंटोनमेंट)


हाईप्रोफाइल चेहरों में समाजवादी पार्टी का सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा हैं अपर्णा यादव। 26 साल की अपर्णा मुलायम सिंह यादव की बहू हैं और पार्टी की प्रतिष्ठित सीट लखनऊ कैंट से चुनाव मैदान में थीं। अपर्णा यादव बीजेपी की दिग्गज नेता रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं और इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

                                  स्वाति सिंह (सरोजनी नगर, लखनऊ)

स्वाति सिंह बीजेपी के पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं। जिन्हें बसपा सुप्रीमों मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में बीजेपी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन्होंने अपने आप को सही साबित किया और चुनावी जंग जीत गईं।

                                            माधुरी वर्मा, ननपुरा (बहराइच)

पूर्व एमएलए दिलीप वर्मा ने अपनी पत्नी माधुरी वर्मा को बहराइच से राजनीति में उस वक्त एंट्री कराई जब वो जेल में थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2012 में बहराइच की सीट से जीत दर्ज की थी। वक्त ने करवट ली तो इस बार वो ननपुरा विधानसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी बनीं और चुनावी जंग जीत गईं।

                                परमिला धर त्रिपाठी (हंडिया, भदोई)

परमिलाधर त्रिपाठी बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी की पत्नी हैं। राकेशधर आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले महीने ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। राकेश ने 2014 लोकसभा चुनाव बीएसपी के टिकट से लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया। परमिला धर अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं और इस जंग में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

                                     अलका राय (मुहम्मदावाद, गाजीपुर)

 

अलका राय बीजेपी के टिकट पर गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ रही थीं। वो बीजेपी नेता और पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं। कृष्णानंद को कथित तौर पर 2005 में मुख्तार अंसारी गैंग ने मार डाला था। पार्टी के घोषणापत्र से अलग अलका अपने पति के नाम पर वोट मांग रही थीं और वो ये चुनावी जंग जीत गईं हैं।

                                     संजू देवी (टंडा, अंबेडकर नगर)

अंबेडकर टांडा सीट से संजू देवी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं। संजू देवी हिंदू युवा वाहिनी के नेता रामबाबू गुप्ता की पत्नी हैं, जिनकी हत्या 2013 में क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कर दी गई थी। आपको बता दें कि संजू देवी ने जीत दर्ज की है। संजू अपने पति के नाम पर चुनावी मैदान में थीं। रामबाबू काफी लोकप्रिय व्यक्तित्व थे।

                                       पूजा पाल (इलाहाबाद, पश्चिम)

बसपा विधायक पूजा पाल एक बार फिर से चुनावी मैदान में थीं। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की वजह से उनके पति राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का आरोप बाहुबली नेता अतीक अहमद पर लगा था। इसके बाद मायावती ने पूजा को टिकट दिया और सहानभूति की लहर में वह विधायक चुनी गईं। पूजा एक बार फिर उन्हीं संवेदनाओं को भुनाने की कोशिश में थीं पर वो कामयाब नहीं हो सकीं और चुनाव हार गईं।

                                         नीलम करवरिया (मेजा, इलाहाबाद )

इलाहाबाद की मेजा सीट से बीजेपी के नेता उदयभान करवरिया के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। इसके चलते वो चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो गए थे। नतीजतन उन्होंने पत्‍नी को चुनावी मैदान में उतार दिया। उनकी पत्नी नीलम करवरिया बीजेपी के टिकट पर मेजा से चुनाव लड़ रही थीं और उन्होंने जीत हासिल की है।

                                            रुबाब सईदा (बहराइच )

बहराइच से मौजूदा विधायक वकर अहमद शाह की पत्नी रुबाब सईदा समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। वकर, अखिलेश सरकार में मंत्री थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह इस बार चुनावों में नहीं थे। अपने पति की सीट से रूबाब इस बार चुनावी मैदान में थीं।

                                      रानी पक्षालिका सिंह (बाह, आगरा)

रानी पक्षालिका सिंह अपने पति अरिदमन सिंह की जगह बीजेपी के टिकट पर बाह सीट से चुनाव लड़ रही थीं और उन्होंने इस महासंग्राम में जीत हासिल की है।

                                            सरिता भदौरिया (इटावा)

सरिता भदौरिया इटावा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में थीं और उन्होंने इस चुनावी जंग में जीत हासिल की है। वो स्वर्गीय अभयवीर सिंह की पत्नी हैं।

 

शुभजिता

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