अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नांम हैं हरप्रीत कौर, प्रियंका चोपड़ा को भी प्रेरित किया

रोहतास।उग्रवादियों और अपराधियों को सबक सिखाने वाली “लेडी सिंघम” के नाम से चर्चित कैमूर की SP हरप्रीत कौर को आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान किसी IPS को तब मिलता है जब वह दो वर्ष से अधिक समय तक नक्सल क्षेत्र में रहकर शांति व्यवस्था कायम रख सकें। कड़क पुलिस ऑफिसर की है छवि..

बिहार के भभुआ में तैनात IPS अधिकारी हरप्रीत कौर को लोग कड़क पुलिस ऑफिसर के रूप में जानते हैं। शराबबंदी में अहम भूमिका निभाने के लिए राज्य सरकार उत्पाद पदक से भी नवाज चुकी हैं। SP हरप्रीत कौर अपने कामों से लगातार सुर्खियों बनी रहती हैं।

प्रियंका चोपड़ा ने किया था हरप्रीत को फॉलो
प्रकाश झा की फिल्म ‘जय गंगाजल’ में SP आभा माथुर की भूमिका निभाते समय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के कैमूर SP हरप्रीत कौर को फॉलो किया था। प्रियंका की भूमिका हरप्रीत कौर की रियल लाइफ की तरह थी। फिल्म में जिस तरह से प्रियंका अपराध में शामिल लोगों पर कार्रवाई करती हैं, कमोबेश उसी तरह हरप्रीत का व्यवहार अपराधियों के साथ रहता है।

बचपन से IPS बनना चाहती थीं हरप्रीत

26 जून 1980 को पंजाब प्रान्त के बरनाला जिला के छोटे से गांव अलकड़ा में जन्मी आईपीएस हरप्रीत कौर के पिता जोगिन्दर सिंह शिक्षक हैं और माता जस्मिल कौर गृहिणी। हरप्रीत कौर कहती हैं कि उनके पिता उन्हें बचपन से ही बड़ी होकर पुलिस अफसर के वर्दी में देखना चाहते थे। कमोबेश उनका भी यही सपना था।

परेशानी के बाद भी डटी रहीं एसपी कौर

कैमूर में बतौर एसपी के पद पर तैनात 2009 बैच की महिला आईपीएस हरप्रीत कौर 31 जनवरी 2016 को भभुआ थाना क्षेत्र के सिगठी गांव में अहले सुबह एक छात्र की हत्या के बाद गांव में विधि-व्यवस्था बिगड़ने की सूचना पर मौके पर दल-बल के साथ पहुंची। स्थिति इतनी बेकाबू थी कि एसपी कौर ने अगर सूझबूझ से काम नहीं लिया होता तो एसपी समेत मौजूद पुलिस-प्रशासन के साथ बड़ी घटना हो सकती थी।

पुआल के ढेर में छुपा कर रखा था हथियार

करीब 6 घंटे तक चले आंदोलन के दौरान एसपी हरप्रीत कौर पीने के पानी व वॉशरूम जैसी व्यवहारिक परेशानियों को दरकिनार करते हुए गांव में ही छुपे छात्र की हत्या मामले के अपराधियों को गिरफ्तार करने से लेकर अपराधियों की निशानदेही पर हत्या के मुख्य आरोपी के घर के सामने पुआल के ढेर में छुपा कर रखे गए अवैध चार हथियारों को बारी-बारी से बाहर निकाल कर बहादुरी व सूझबूझ का परिचय दिया। उस वक्त के मौजूदा हालात यह थे कि अगर मौके से अपराधियों की गिरफ्तारी और छात्र की हत्या में प्रयोग की गई हथियार बरामद नहीं होते तो शायद आक्रोशितों का बवाल थम नहीं पाता।

महिला जवान के सामने आती हैं संसाधनों की कमी की समस्या

एसपी कौर की मानें तो एक महिला जवान के साथ व्यवहारिक परेशानियों की समस्या अमूमन हर दिन आड़े आती हैं। थानों में महिला वॉशरूम होने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। वे कहती हैं कि महिला पुलिस जवान आन्दोलन या फिर किसी ऑपरेशन के दौरान आने वाली व्यवहारिक परेशानियों को उस वक्त दमन कर जाना ही मुनासिब समझती हैं। कारण कि वैसे जगहों पर समुचित संसाधन नहीं होते।

कई कारनामों से चर्चित हैं हरप्रीत कौर

एसपी हरप्रीत कौर जहानाबाद में बतौर एसपी के पद पर करीब 1 साल तैनात रही। इस दौरान लेवी के साढ़े 27 लाख रुपए के साथ महिला नक्सली को गिरफ्तार करने के साथ बेगूसराय में 15 माह के कार्यकाल के दौरान मूर्ति तस्करों की गिरफ्तारी करने के अलावे कई चर्चित कारनामें कर चुकी हैं।  कैमूर में एसपी के पद पर तैनाती के दौरान कुदरा और हाटा में बिगड़े कम्युनल मामले को काबू पाने के साथ हाल के दिनों में सिगठी में छात्र की हत्या मामले को सुलझा कर बहादुरी का परिचय दिया था।

 

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