सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिया स्वामी विवेकानन्द का घर हमेशा से उत्सुकता और कौतुहल का विषय रहा
देशी रियासतों के विलीनीकरण से पूर्व राजस्थान के शेखावाटी अंचल में स्थित खेतड़ी एक छोटी
बात जब 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में बिहार के योगदान की होती है तो
स्वतन्त्र भारत की बुनियाद कई ऐसे गुमनाम चेहरों की कुर्बानी पर टिकी है जिनके चेहरे
क्या आप जानते हैं कि मध्य कोलकाता की एक गहमा – गहमी से भरी सड़क
भारत की आजादी में उनका योगदान इतना अधिक माना जाता है कि उस जमाने के
आरा शहर में होली मिलन समारोह में बाबू कुँवर सिंह आईल रहले . धरमन बाई
वेलिंग्टन स्क्वायर….जब यह जगह याद आती है तो याद आते हैं हर साल सर्दियों में
ऐ सखी सुन 10 सभी सखियों को नमस्कार। सखियों अपनी पिछली बतकही में मैंने एक
हर शहर की अपनी कहानी है। सड़कों और गलियों का अपना इतिहास है। जिन सड़कों