महानगर की संस्था साहित्यिकी की ओर से बुधवार की शाम भारतीय भाषा परिषद् सभागार में’साहित्यिकी’
मजदूर का जन्म एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ ! हाथी सा बलवान, जहाजी हाथों वाला
लिटिल थेस्पियन की ओर से हाल ही में भीष्म साहनी लिखित “कबीरा खड़ा बाज़ार में”
कोलकाता की सुपरिचित संस्था साहित्यिकी की ओर से हाल ही में भारतीय भाषा परिषद के
रेखा श्रीवास्तव गुलमोहर खिड़की से झांकता गुलमोहर का पेड़ फूलों से लदा है
डॉ. गीता दूबे ओ मेरी प्यारी
मध्यमवर्गीय पत्नी से कल समय की व्यस्तताओं से निकालूँगा समय कुछ फिर भरुँगा खुद तुम्हारी
शाहरुख खान की ‘फैन’ जैसी फिल्म से सामना कर रही हॉलीवुड फिल्म ‘द जंगल बुक’
रेखा श्रीवास्तव चाँद तुम कितने शीतल हो तुम्हारी शीतलता केवल अंधेरे में ही
राम लला नहछू आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। रामलला कर नहछू गाइ सुनाइय हो।।