किताबें साहित्य की हों या साहित्य से इतर, हर पुस्तक का अपना महत्व है और
बेंगलुरू : कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा इस वर्ष के गोइन्का पुरस्कारों की घोषणा कर दी
भारत में इतिहास लेखन की परम्परा नहीं है..और भ्रांतियों का बड़ा कारण है। सम्भवतः हमारे
प्रतियोगिता – काव्य संगीत कवि – सूरदास शिक्षण संस्थान – महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
अति सूधो सनेह को मारग है जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं। तहाँ साँचे चलैं तजि
ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मष्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी।
शिलांग (मेघालय) : स्कूल में चिढ़ाए जाने और धमकियों से परेशान होकर 9 साल की
लॉस एंजिलिस : अभिनेता ब्रैड पिट ने ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड’ में शानदार
कानपुर : साहित्यकार, कथाकार, नाटककार और उपन्यासकार पद्मश्री गिरिराज किशोर नहीं रहे। गत रविवार सुबह
नयी दिल्ली : वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण बलदेव वैद का निधन अमेरिका के न्यूयार्क में 92