एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला की जेल में ऐशभरी जिंदगी की सच्चाई को चहारदिवारी से बाहर लाकर तमिलनाडु में राजनीतिक भूचाल मचाने वाली आईपीएस अधिकारी डी रूपा की हर तरफ चर्चा हो रही है। रूपा ने खुलासा किया था कि शशिकला ने शानदार किचेन के लिए बैग्लुरू की परप्पाना अग्रहारा जेल प्रशासन को दो करोड़ की रिश्वत दी। यह कोई उनका पहला खुलासा नहीं है। इससे पहले भी डी रूपा अपने साहसिक फैसलों की बदौलत सुर्खियों में रह चुकी हैं। आखिर कौन हैं डी रूपा आइये जानते हैं।
2000 में यूपीएससी में रूपा ने 43वीं रैंक हासिल की। प्रशिक्षण के दौरान रूपा ने अपने बैच में पांचवां स्थान हासिल किया और उन्हें कर्नाटक कैडर दिया गया। सुपरकॉप के नाम से मशहूर रूपा को एक बेहतरीन शूटर के तौर पर जाना जाता है और उन्होंने इसमें कई पुरस्कार भी अपने नाम किए हैं। 2016 में इन्हें मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा जा चुका है।
इसके साथ ही रूपा भरतनाट्यम की बेहतरीन नृत्यांगना है और शास्त्रीय संगीत की अच्छी समझ रखती हैं। बता दें कि डी रूपा ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के मामले गिरफ्तार किया था। एक और बोल्ड फैसला लेते हुए रूपा ने बेंगलुरु में सभी पुलिस वालों को VVIP लोगों की सेवा से हटा लिया था। यहां तक कि कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के काफिलों में गैर सरकारी ढंग से शामिल होने वाली पुलिस की गाड़ियों को बाहर कर दिया था।
बीजेपी सांसद प्रताप सिन्हा को भी रूपा करारा जवाब दे चुकी हैं। सिन्हा ने एक आर्टिकल को ट्विटर पर टैग किया कि ऐसे कई अफसर हैं, जिन्होंने अपनी मनचाही जगह पर ट्रांसफर न मिलने पर अपना राज्य बदल लिया। इन अफसरों में एक नाम रुपा का भी था। इस पर रूपा ने पलटवार करते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी को राजनीति से मुक्त रहने दीजिए जनाब। अफसरों को राजनीति में मत घसीटिए, क्योंकि आने वाले समय में इससे सिस्टम और समाज, दोनों को ही कोई फायदा नहीं होगा।