हौसला हो तो बिना पंखों के भी उड़ान भरी जा सकती है और पैर ना होने के बावजूद मॉडलिंग संभव है। इसकी मिसाल पेश की बेंगलुरु की राजलक्ष्मी ने। राजलक्ष्मी पेशे से डॉक्टर हैं। राजलक्ष्मी चल नहीं सकतीं। दस साल पहले वर्ष 2007 में हुए एक हादसे ने राजलक्ष्मी से उनके चलने की ताकत छीन ली। साल 2007 में राजलक्ष्मी को चेन्नई में चल रही एक नेशनल कॉन्फरेंस के लिए कुछ पेपर प्रेजेंट करने के लिए बुलाया गया था।
उस वक्त उन्होंने अपनी बीडीएस की परीक्षा दी ही थी. रास्ते में उनकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया जिसमें राजलक्ष्मी को स्पाइनल इंजरी हो गई। हालांकि, इसके बाद भी राजलक्ष्मी ने हार नहीं मानी और अपनी आगे की पढ़ाई की। राजलक्ष्मी को साइकोलॉजी और फैशन पसंद है, इसलिए उन्होंने इसमें आगे बढ़ने का फैसला किया।
इसी दौरान राजलक्ष्मी को मिस वीलचेयर इंडिया के बारे में पता चला और उन्होंने इसके लिए एप्लाई किया, जिसके बाद उन्होंने इसमें हिस्सा भी लिया. साल 2014 में वो इसकी विजेता बनीं।