जोयिता मंडल देश के ट्रांसजेंडर समुदाय के उन चंद लोगों में से एक हैं, जिन्होंने जिंदगी में सिर्फ मुश्किलों का दौर ही देखा। कभी भीख मांगनी पड़ी तो कभी खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। इन सब के बावजूद जोयिता मंडल आज सफलता की मिसाल बनकर उभरी हैं। जोयिता मंडल भारत की पहली ट्रांसजेंडर जज बन चुकी हैं। जोयिता को उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल) के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज नियुक्त किया गया है।
जोयिता के बचपन का दौर आसान नहीं था हर राह मुश्किल और नई चुनौतियां राह में रोड़े अटकाती रही लेकिन जोयिता हार मानने वालों में से नहीं थीं। जोयिता को बचपन से ही काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। स्कूल में उनका मजाक बनाया जाता। जिससे तंग आकर उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। जोयिता के बचपन का दौर आसान नहीं था हर राह मुश्किल और नई चुनौतियां राह में रोड़े अटकाती रही लेकिन जोयिता हार मानने वालों में से नहीं थीं। जोयिता को बचपन से ही काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। स्कूल में उनका मजाक बनाया जाता। जिससे तंग आकर उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा।
कई बार खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। बाद में जोयिता एक सामाजिक संस्था से जुड़ गईं और सोशल वर्क को अपने जीवन का आधार बना लिया। 2010 से वह सोशल वर्कर के रूप में काम कर रही हैं। जोयिता मंडल देश के ट्रांसजेंडर समुदाय के उन चंद लोगों में से एक हैं, जिन्होंने पूरी जिंदगी कठिनाईयों से लड़ते हुए एक सफल मुकाम हासिल किया है। जोयिता की जिंदगी उन सभी लोगों के लिए मिसाल है जो अपने दम पर जीवन में कुछ करना चाहते हैं।