आमतौर पर पुलिसकर्मियों के रिश्वत लेते पकड़े जाने और अपराधियों से सांठगांठ की खबरें खाकी वर्दी की छवि और आमजन में विश्वास—अपराधियों में भय के स्लोगन को ज्यादातर कटघरे में खड़े करती रहती है। लेकिन इसी पुलिस की मानवीय संवेदनाओं की कहानी भी कई बार सामने आती है, जो कि सेवार्थ कटिबद्धता के राजस्थान पुलिस के स्लोगन को चरितार्थ करती है।
यह खबर है कि एक निर्धन परिवार से जुड़ी महिला पांचू देवी की। जिसकी जिंदगी को आधी रात को कोई रईसजादा अपनी तेज रफ्तार लक्जरी कार के कहर में छीनकर ले गया। राजधानी जयपुर में अजमेर रोड पर सुशीलपुरा पुलिया के पास करीब आठ सौ मीटर तक कार की चपेट में आकर घिसटती महिला 28 साल की पांचू देवी की लाश क्षत—विक्षत हो गई। काफी देर तक शव सड़क पर लावारिस हालत में पड़ा रहा। आंख खुलने पर पांचू देवी का पति हरिचंद और बच्चे रोते बिलखते पहुंचे। लेकिन आर्थिक तंगी ऐसी की……
मदद के लिए पुलिस को भी नहीं बुला सके। तब आसपास के लोगों ने फोन कर पुलिस को बुलाया। आज सुबह दुर्घटना अनुसंधान ईकाई साउथ पुलिस ने शव का एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाया। पांचू देवी के पति हरिचंद और परिजनों के पास इतने रुपए भी नहीं थे कि वे लाश को अपने जालौर जिले में स्थित पैतृक गांव ले जाकर अंतिम संस्कार कर सकें।
हेडकांस्टेबल नेकीराम और कांस्टेबल प्रीतम के मुताबिक यह देखकर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों का मन पसीज गया। संवेदनाएं जागी और पुलिसकर्मियों ने अपनी जेब से रुपयों का इंतजाम करने का फैसला किया। चंद सैंकड में ही दुर्घटना थाने के स्टॉफ ने मिलकर 7200 रुपए इकट्ठा कर लिए।
तब भी रुपए पूरे नहीं हुए तो जनसहयोग लिया और स्थानीय पार्षद धर्मसिंह सिंघानिया, कुछ सामाजिक संस्थाओं और मोर्चरी पर मौजूद लोगों ने भी आर्थिक मदद कर करीब 25 हजार रुपए इकट्ठा कर लिए और फिर मृतका पांचू देवी के पति को देकर एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई।