बेंगलुरु : केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार भारत को डाटा अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े केंद्र के तौर पर विकसित करना चाहती है और बहुत जल्द डाटा सुरक्षा कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, मैं भारत को डाटा अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े केंद्र के तौर पर विकसित करना चाहता हूं। डाटा से डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। यह अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को भी बढ़ाने में उपयोगी होगा।‘बेंगलुरु प्रौद्योगिकी सम्मेलन, 2020’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर डाटा का सृजन होता है और मोबाइल फोन और आधार जैसी डिजिटल व्यवस्था से डाटा तैयार होता है।
उन्होंने कहा, हम जल्द ही डाटा सुरक्षा कानून को अंतिम रूप देंगे।भारत डाटा अर्थव्यवस्था, डाटा नवाचार, डाटा परिशोधन के लिए क्रांति का इंतजार कर रहा है। प्रसाद ने कहा, मैं (कर्नाटक के) मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि राज्य को भारत की डाटा अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र बनाएं।
कर्नाटक सरकार के साथ कर्नाटक नवाचार और प्रौद्योगिकी सोसाइटी, सूचना प्रौद्योगिकी पर राज्य सरकार के दृष्टिकोण समूह, जैव-प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप तथा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित यह सम्मेलन आज 19 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया।
प्रसाद ने कहा कि महामारी के दौरान भी संचार क्षेत्र में सात प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई और बड़ी वैश्विक कंपनियों ने निवेश किया। उन्होंने कहा, यह चुनौतीपूर्ण समय है और हमने इसे एक अवसर में बदलने का फैसला किया है।उन्होंने कहा कि विश्व स्तर की कंपनियां वैकल्पिक स्थान की तलाश कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल निर्माण में भारत की बड़ी कामयाबी के मद्देनजर हम प्रोत्साहन देने के साथ उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि भारत समेत दुनिया की बड़ी कंपनियों ने अगले पांच साल में 11 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है और मोबाइल तथा कल-पुर्जे के निर्माण की पेशकश की है। इसमें से सात लाख करोड़ रुपए केवल निर्यात के लिए होंगे।