434 बच्‍चों को बचाया आरपीएफ की इस सब-इंस्‍पेक्‍टर ने!

रेखा मिश्रा, रेलवे प्रोटक्‍शन फोर्स में सब-इंस्‍पेक्‍टर हैं। रेखा की ड्यूटी छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर रहती है। जून 2016 में एक दिन उन्‍होंने स्‍कूल यूनिफॉर्म में तीन बच्चियों को देखा जो चेन्‍नई एक्‍सप्रेस से प्‍लेफॉर्म 15 पर उतरी थीं।

रेखा ने उनके पास जाकर पूछा कि क्‍या उन्‍होंने कोई परेशानी है, तीनों उन्‍हें घूरने लगीं। तब रेखा को लगा कि शायद वे उनकी बात समझ ही नहीं पा रहीं। फिर उन्‍होंने तीनों बच्चियों के बारे में मैसेज सर्कुलेट किया। फिर लोकल पुलिस स्‍टेशन की मदद से उनके माता-पिता को खोज निकाला। यही नहीं रेखा मिश्रा उन बच्चियों के साथ ही पुलिस स्‍टेशन में सोती थीं, जिससे उन्‍हें कोई परेशानी ना हो। वे उन्‍हें अपनी जिम्‍मेदारी समझने लगी थीं।

क्‍यों खास हैं रेखा 
32 साल की रेखा मिश्रा ने 2014 में आरपीएफ ज्‍वाइन की थी. उसके बाद से लोग उन्‍हें सीएसटी स्‍टेशन पर काम करने वाली मेहनती ऑफिसर के तौर पर जानते हैं। वे अब तक 434 बच्‍चों को बचा चुकी हैं जिसमें से 45 लड़कियां हैं। रेखा बताती हैं कि इनमें से ज्‍यादातर बच्‍चे वे होते हैं जो घर से भागकर आते हैं। उनके घर से भागने के पीछे का कारण माता-पिता द्वारा पिटाई, मायानगरी में करियर बनाना या फिर फेसबुक दोस्‍तों से मिलना तक होता है.बता दें कि इस साल मार्च अंत तक रेखा और उनके सहकर्मियों ने 162 बच्‍चों को बचाया है। रेखा बताती हैं कि आने वाले महीने उनके लिए चुनौती भरे हैं क्‍योंकि स्‍कूलों की छुटि्टयों के दौरान ज्‍यादा बच्‍चे स्‍टेशन पर पाए जाते हैं।

 

शुभजिता

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