कोलकाता । दो बार की राज्यसभा सांसद और कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की पहली महिला आचार्य प्रोफ़ेसर चंद्रकला पांडेय की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शुक्रवार, 19 सितम्बर 2025 किया गया ।कार्यक्रम में कोलकाता के अनेक विद्यालयों , महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे । कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्राध्यापकों के साथ अन्य विभागों से भी प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे । अपने सहकर्मियों एवं विद्यार्थियों में अत्यंत लोकप्रिय प्रो चंद्रा पांडेय के विषय में उपस्थित सभी ने अपनी स्मृतियाँ साझा कीं ।कोलकाता के कई महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य से जुड़े हुए प्रोफेसर पांडेय के विद्यार्थी श्रद्धांजलि निवेदित करने हेतु कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में एकत्र हुए। वे माकपा की समर्पित कार्यकर्ता थीं तथा आजीवन जनता से व्यापक सरोकार रहा था । संसद के कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता के हित में कई बिल राज्यसभा में पास करवाए । विश्वविद्यालय के लिए अपनी सांसद निधि से एक लिफ्ट की व्यवस्था करवाई । पूरा शिक्षाजगत उनके निधन से आहत है। उन्होंने साहित्य जगत में अपनी लेखनी से महत्वपूर्ण कार्य किए। चंद्रा पांडेय के नाम से मशहूर डॉ. चंद्रकला पांडेय के व्यक्तित्व के अनेक रूपों को याद किया गया ।कइयों के लिए वे कवयित्री रहीं तो कुछ के लिए अनुवादक। कुछ के लिए वे संपादक ,तो कुछ के लिए आलोचक। बंगाल से लेकर पूर्वोत्तर तक फैली एक बहुत बड़ी आबादी के लिए वे ‘मैम’ तथा आत्मीयों के लिए ‘चंद्रा दी’ हैं।
श्रद्धांजलि सभा के आरंभ में उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उपस्थित सभी ने अपने मनोद्गार को प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर प्रो. शम्भुनाथ, डॉ.सुषमा हंस, डॉ वसुमति डागा, डॉ सुनन्दा राय चौधरी, प्रो बिजय कुमार साव,डॉ मोहम्मद शकील, प्रो. राम प्रह्लाद चौधरी, डॉ. इंदिरा चक्रवर्ती, डॉ. गीता दूबे, डॉ. संजय जायसवाल (प्राचार्य), मृत्युंजय श्रीवास्तव, डॉ. इतु सिंह, डॉ. संजय जायसवाल. सवाल, डॉ. कुलदीप कौर, डॉ. सुमिता चट्टोराज, डॉ. अल्पना नायक, प्रो. प्रीति सिंघी , डॉ. ललित झा, डॉ आदित्य गिरि, डॉ. दीक्षा गुप्ता , छात्र -छात्राएं एवं शोधार्थी बहुसंख्या में उपस्थित थे। सभी ने चंद्रा मैम के साथ अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की । डॉ. चंद्रकला पांडेय जी ने एक शानदार जीवन जिया और सदैव सक्रिय रहीं ।कार्यक्रम का संचालन डॉ. राम प्रवेश रजक जी ने किया । विभागाध्यक्ष प्रो राजश्री शुक्ला ने शांतिपाठ के साथ सभा समाप्ति की घोषणा की ।