रायपुर.छत्तीसगढ़ में बस्तर के कुदूर इलाके में इस बार महिला कमांडो ने दो नक्सलियों को मार गिराया है। बस्तर में ऐसा पहली बार हुआ है। हमला करने के बाद दोनों नक्सली इंद्रावती नदी पार कर भागने की कोशिश कर रहे थे। बस्तर में फोर्स ने नक्सलियों के खिलाफ पिछले 9 महीने में 94 लोगों को मार गिराया है। जिन कमांडो ने नक्सलियों को ढेर किया, वे कभी खुद नक्सली थीं…
– ऑपरेशन में तीन महिला कमांडो प्रमिला कश्यप, फूलो मरकाम और कोसी भी शामिल थीं। ये तीनों भी पहले नक्सली थीं, जिन्होंने सरेंडर किया था।
– पुलिस ने इन्हें ट्रेनिंग दी और कमांडो बनाया। हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया। इनके हाथ में एसएलआर थी। प्रमिला का कहना है कि उन्हें पता था कि नक्सलियों का मूवमेंट क्या होगा।
– इससे उन्हें स्ट्रेटजी समझने में देर नहीं लगी और एनकाउंटर में आसानी हुई।
एक घंटे तक हुई फायरिंग
– दो दिन पहले बस्तर के कुदूर इलाके में नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर अटैक किया था। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट पुलिस फोर्स, डीआरजी और एसएएफ की ज्वाइंट पार्टी को एनकाउंटर के लिए जंगल में भेजा गया।
– शुक्रवार की सुबह सांगवेल के पास नदी किनारे नक्सली दिखे। नक्सलियों को फोर्स की मूवमेंट का पता लग गया और उन्होंने हमला कर दिया। इसके बाद करीब एक घंटे तक दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही।
– मुठभेड़ के बाद सर्चिंग में पुलिस ने दो नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। जिनकी पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन इन्हें नक्सली लीडर विलास की गैंग से जुड़ा माना जा रहा है।
– नक्सलियों को मारने के बाद डीआरजी की टीम के साथ नक्सलियों की लाश को लेकर ये लेडी कमांडो पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचीं। इससे पहले भी पुलिस की इस टीम के साथ 5 बार मुठभेड़ हो चुकी है।
– कमांडो प्रमिला के मुताबिक, उन्हें पता था कि नक्सलियों का अगला मूवमेंट क्या होगा। इससे उन्हें स्ट्रेटेजी समझने में देर नहीं लगी और एनकाउंटर में आसानी हुई।
नक्सली से कमांडो बनी महिला की शादी भी पुलिस ने करवाई
– ऑपरेशन में शामिल तीनों लेडी कमांडो प्रमिला कश्यप, फूलो मरकाम और कोसी पहले खुद नक्सली थीं। इनके सरेंडर करने के बाद इन्हें फोर्स में नौकरी दी गई और पुलिस ने इन्हें ट्रेनिंग देकर कमांडो बनाया।
– इनमें से कोसी की शादी भी पुलिस ने करवाई थी। कभी जंगल में भटकने वाली इन महिलाओं के हाथों में आज एसएलआर जैसे खतरनाक हथियार हैं।
– कमांडो प्रमिला का कहना है कि अब हम एनकांडटर के दौरान गोली चलाते हैं और जब नक्सली थे, तब भी गोली चलाते थे, लेकिन इन दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है। तब गुनाह लगता था, छिप-छिपकर फिरते थे और अब गर्व हो रहा है।
बस्तर में 9 महीने में 94 नक्सली ढेर
– आईजी एसआरपी कल्लूरी के मुताबिक साल 2014 तक पुलिस हर साल औसतन 34 से 36 नक्सली मारती थी। इसके बाद 2015 में 48 नक्सलियों को मारा गया।
– वहीं 2016 में पुलिस ने अब तक 94 नक्सलियों को मार गिराया है। हालांकि, कुछ सोशल ऑर्गनाइजेशन की तरफ से बस्तर में इन एनकाउंटर को फर्जी होने का आरोप भी लगाया जाता रहा है।