मेनोपॉज हम महिला के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। 40 या फिर 50 साल की उम्र के आसपास हर महिला के साथ एक ऐसी अवस्था आती है जब उनके अंडाशय में अंडों का निर्माण कम या फिर बंद हो जाता है। यह मासिक चक्र की समाप्ति का संकेत होता है। इसके बाद प्रेग्नेंसी की भी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। ऐसे में आप किस तरह से इस घटना की पहचान करें कि आप मीनोपॉज के दौर से गुजर रही हैं? आज हम आपको मेनोपॉज के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको इसका आसानी से पता चल जाएगा और इन लक्षणों के बारे में आपका जानना भी बहुत जरूरी है।
वेजिनल ड्राइनेस – वेजिनल ड्राइनेस की समस्या यूं तो किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन यह मेनोपॉज का भी एक महत्वपूर्ण लक्षण होता है। मेनोपॉज में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन का प्रोडक्शन काफी कम हो जाता है। ऐसे में वेजिनल वॉल्स पर नमी की पतली सतह पर काफी प्रभाव पड़ता और इस वजह से वेजिनल ड्राइनेस की समस्या उत्पन्न होती है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन और संबंध बनाने के दौरान वेजिनल एरिया में दर्द की समस्या होती है।
नींद संबंधी समस्या – मेनोपॉज स्लीपिंग डिसऑर्डर का भी कारक होता है। इस दौरान या तो नींद नहीं आती है और अगर आ भी जाए तो आप काफी देर तक सोती रहती हैं।
कामेच्छा में कमी – मेनोपॉज की वजह से कई शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में क्लिटोरियल रिएक्शन काफी समय लेता है। योनि का रूखापन और संबंध बनाने के दौरान तकलीफ की वजह से कामेच्छा में भी कमी आती है।
तनाव और मूड स्विंग की समस्या – मेनोपॉज के दौरान सबसे आम समस्या होती है मूड स्विंग। हार्मोन्स में बदलाव की वजह से महिलाओं में बार-बार मन बदलने की समस्या होती है। इसके अलावा इस दौरान वे तनाव की समस्या से भी गुजरती हैं।